
नारायणसरोवर (गुजरात).कश्मीर से अनुच्छेद- 370 हटाने से बौखलाएपाकिस्तान ने भारत को घेरने के लिए नई चाल चली है।कच्छ सीमा पर हरामीनाला से करीब 10 किमी दूर स्थित 55 वर्ग किमी जमीन चीनी कंपनी को लीज पर दे दी। यह जगह अंतरराष्ट्रीय जलसीमा से भी 10 किमी की दूरी पर है। यह इलाकाभारत के लिएसामरिक और सैन्य रूप से काफी अहम है। चीनी कंपनी ने यहां निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है।
कच्छ सीमा से सटा22 किमी फैलाव वाला हरामीनाला भारत में घुसपैठ के लिए सॉफ्ट टारगेटहै। कई बार यहां पाकिस्तान घुसपैठियों की नावें मिलती रही हैं। इससे पहले पाकिस्तान ने सिंध प्रांत के थरपारकर में 3 हजार किमी इलाके में फैले इकोनॉमिक कोरिडोर की सुरक्षा के लिए चीनी जवानों की तैनाती करवाई थी।
वजह: इस जगह 2 युद्ध हार चुका पाकिस्तान भारत के खिलाफ चीन को ढाल बनाने में जुटा
- 1965 और 1971 के युद्ध में कच्छ सरहद के मोर्चे पर भारत से बुरी तरह मात खाने की बात पाकिस्तान को हमेशा डराती है। इसलिए पाकिस्तान ने चीनी कंपनी को यहां जगह देकर उसे ढाल के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है। पाकिस्तान को लगता है कि चीन की यहां मौजूदगी रहेगी, तो भारत कोई दुस्साहस नहीं करेगा।
- दूसरी ओर, चीन हर तरफ से भारत को घेरने की योजना में लगा है। इससे पहले पाकिस्तान ने कराची के पास स्थित ग्वादर पोर्ट को भी चीन के हवाले कर दिया है। अभी इस बंदरगाह काे चीन ही चला रहा है। चीन के जवाब में भारत ने भी ईरान के चाहबार पोर्ट को विकसित किया।
साजिश: इस नाले से लश्कर के आतंकवादी आरडीएक्स के साथ घुसपैठ कर चुके हैं
हरामीनाला का नाम पाकिस्तान की भारत विरोधी भरी नीतियों की वजह से पड़ा है। पाकिस्तान हमेशा से इसका दुरुपयोग करता रहा है। यह क्षेत्र आतंकियों के घुसपैठ के लिए कुख्यात है। 2001 में भूकंप के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कच्छ यात्रा से पहले लश्कर-ए तैयबा के प्रशिक्षित आतंकी शाहनवाज हुसैन भट्टी उर्फ मुजम्मिल को आईएसआई ने 32 किलो आरडीएक्स, ग्रेनेड्सऔर एके-47 के साथ बोट के जरिए घुसपैठ कराई थी। हालांकि,वह आतंकी हाजीपीर के भीटारा विस्तार में पकड़ा गया था।
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October 17, 2019 at 07:51AM
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